कुमार नरोत्तम / नई दिल्ली September 09, 2008
शहरी विकास मंत्रालय ने दिल्ली में प्रॉपर्टी सौदे को नियंत्रित करने के लिए प्रॉपर्टी डीलर और कंसल्टेंसी विधेयक का मसौदा लगभग तैयार कर लिया है।
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस बाबत नियमन का दस्तावेज लगभग तैयार है और जल्द ही इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। हालांकि दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाला है, इसलिए संभव है कि यह विधेयक अगली सरकार की निगरानी में पेश हो।
पूर्व शहरी विकास राज्य मंत्री अजय माकन ने 2006 में कहा था कि प्रॉपर्टी नियामक के लिए दिल्ली सरकार एक विधेयक लाएगी जो अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल होगा। लेकिन आलम यह है कि प्रॉपर्टी डीलरों को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली में इस तरह का कोई विधेयक अभी तक नही आ पाया है और पड़ोसी राज्य हरियाणा ने बाजी मार ली है।
हरियाणा विधानसभा ने पिछले मंगलवार को जब हरियाणा प्रॉपर्टी डीलर और कंसल्टेंट विधेयक 2008 पारित किया, तो दिल्ली के सरकारी महकमे में भी हलचल होने लगी। प्रॉपर्टी डीलर नियामक विधेयक न होने की वजह से लोगों को भी काफी परेशानी उठानी पड़ती है। प्रॉपर्टी डीलर किसी भी प्रकार के सौदे का रिकॉर्ड नही रखते हैं।
जब भी कभी किसी प्रॉपर्टी को बेचने या खरीदने की बात डीलर के जरिये होती है, तो वे बतौर कमीशन बड़ी राशि ऐंठते हैं। ज्यादातर मामले में तो खरीदार और विक्रेता दोनों पक्षो से प्रॉपर्टी डीलर कमीशन लेते हैं। जब इस तरह के सौदे में किसी तरह का विवाद उत्पन्न होता है, तो ये प्रॉपर्टी डीलर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। इसके अलावा प्रॉपर्टी डीलरों द्वारा जो कमीशन लिया जाता है, उसकी कोई नियत दर नही होती है।
रियल एस्टेट बाजार में मूल्यों को अपने हिसाब से नियंत्रित करने के लिए प्रॉपर्टी डीलर गलत तरीके का भी इस्तेमाल करते हैं। पहाड़गंज के शर्मा प्रॉपर्टी डीलर एडवाइजर एंड कॉन्ट्रैक्टर के मालिक मानस शर्मा ने बताया कि हमारे यहां हर प्रकार के सौदे के लिए नियत दरें उपलब्ध हैं।
अगर कोई खरीद बिक्री का सौदा 15 लाख से ज्यादा का होता है, तो हमलोग 1 फीसदी कमीशन लेते हैं और इससे कम की खरीद बिक्री पर 2 फीसदी कमीशन लेते हैं। मानस ने कहा कि उन्हें किसी प्रकार के बिल आने से कोई परेशानी नही है। मुझे तो और खुशी होगी कि प्रॉपर्टी डीलिंग के धंधे में जो कुछ गलत लोग आ गए है, उन पर इससे लगाम लगाई जा सकेगी।
दरियागंज के सतीश प्रॉपर्टी के मालिक शशि टंडन ने कहा कानून के आने से कोई फर्क नही पड़ता है। अगर सरकार सच्चे मन से चाहती है कि प्रॉपर्टी के धंधे में गोरखधंधे को रोका जाए, तो उसे इन नियमों को सख्ती से क्रियान्वित करना चाहिए।
Friday, September 12, 2008
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