Thursday, September 4, 2008

मायावती की तो जान ही ले लेते!

» रात्रि उड़ान के लिए प्रतिबंधित हेलीकॉप्टर उड़ा रहे थे कैबिनेट सेक्रेटरी
» प्रदेश के उड्डयन महकमे में भीषण भ्रष्टाचार, खतरे में वीवीआईपी उड़ानें
» बिना किसी ट्रेनिंग के उड़ा रहे हैं अमेरिकी विमान और हेलीकॉप्टर

एक सितम्बर की रात प्रदेश में एक बड़ा हादसा हो सकता था। जो नौकरशाह मुख्यमंत्री की हिफाजत के प्रति आधिकारिक तौर पर जवाबदेह हैं वे अपनी गैरजिम्मेदाराना हरकतों से उस दिन मुख्यमंत्री मायावती की जान ही ले लेते। वीवीआईपी उड़ान की उच्च संवेदनशीलता के बावजूद उस दिन जिस स्तर की खतरनाक तकनीकी चूक की गई, वह उड्डयन इतिहास का नायाब पन्ना है। जिस सिंगल इंजिन हेलीकॉप्टर पर मुख्यमंत्री मायावती को बैठा कर रात में संत कबीर नगर और फैजाबाद ले जाया गया, उस हेलीकॉप्टर के लिए रात की फ्लाइंग कानूनन प्रतिबंधित है। उसमें रात्रि उड़ान के उपकरण हैं ही नहीं। रात में जब मुख्यमंत्री को लेकर वही हेलीकॉप्टर संत कबीर नगर से उड़ा तो टेक-ऑफ के लिए कारों की बत्तियां जलानी पड़ीं। फिर फैजाबाद में नाइट लैंडिंग का खतरनाक जोखिम उठाया गया। उसके बाद लखनऊ से गए विमान से मायावती वापस लौटीं। बात यहां खत्म नहीं होती। बात यहीं से शुरू होती है। वीवीआईपी उड़ान को लेकर यह जो गैरजिम्मेदाराना कृत्य हुआ वह उत्तर प्रदेश के कैबिनेट सेक्रेटरी शशांक शेखर सिंह ने किया। सिंगल इंजिन वाला जर्जर हेलीकॉप्टर खुद शशांक और विंग कमांडर आरएन सेनगुप्ता उड़ा रहे थे। शशांक प्रदेश सरकार के उड्डयन सलाहकार भी हैं और पाइलट भी। प्रतिबंधित हेलीकॉप्टर को रात में उड़ाने का मसला नागरिक उड्डयन महानिदेशालय [डीजीसीए] तक तूल न पकड़े इसके लिए उड़ान दस्तावेजों में समय को लेकर फर्जी तथ्य भी दर्ज किए गए।

फैजाबाद में एयरपोर्ट अथॉरिटी का कोई एयर ट्रैफिक कंट्रोल नहीं है, लिहाजा हेलीकॉप्टर की लैंडिंग का समय अपनी मर्जी से शाम करीब सवा छह बजे और हवाई जहाज के टेक-ऑफ का समय करीब साढ़े छह बजे दर्ज कर दिया गया। लेकिन लखनऊ के एयर ट्रैफिक कंट्रोल में मायावती को लेकर आए विमान [सुपर किंग एयर] के लखनऊ पहुंचने का समय आधिकारिक तौर पर रात का सवा आठ [8.15] दर्ज है। अगर हवाई जहाज ने साढ़े छह बजे शाम फैजाबाद से लखनऊ के लिए उड़ान भरी तो उसे लखनऊ पहुंचने में सवा दो घंटे क्यों लगे? मुख्यमंत्री की सुरक्षा को लेकर उड्डयन महकमे की लापरवाही का आलम यह है कि उन्हें 'रेस्क्यु’ कर लाने के लिए भेजे गए विमान को भी अयोग्य घोषित पाइलट ही उड़ा रहे थे। इनमें से एक वयोवृद्ध कैप्टन पीसीएफ डिसूजा मेडिकली अनफिट हैं तो दूसरे कैप्टन वीवी सिंह भी करीब 62 साल के हैं जो उड़ान अर्हता पास नहीं हैं।

अमेरिका से बड़े नाज नखरे से जो विमान [वीटीयूपीएन] और हेलीकॉप्टर [वीटीयूपीओ] लखनऊ लाया गया था, उससे जुड़े तथ्य भी कम रोचक-रोमांचक नहीं हैं। विमान पूर्ण रूप से जेट विमान है। इसे उड़ाने की योग्यता उत्तर प्रदेश में किसी के पास नहीं है। लेकिन उक्त विमान और हेलीकॉप्टर दोनों से ही वीवीआईपी सवारियां लेकर उड़ान भरने का भारी रिस्क लगातार उठाया जा रहा है। अभी एक सितम्बर को उसी अमेरिकी हेलीकॉप्टर पर मुख्यमंत्री को बिठा कर उड़ान भरने की कोशिश की गई, लेकिन वह हवा में धचके खाने लगा। किसी तरह हेलीकॉप्टर उतारा गया।

जेट विमान को उड़ाने की ट्रेनिंग के लिए योग्य पाइलटों को न भेज कर कैप्टन वीवी सिंह [62] और वायुसेना से डेपुटेशन पर आए विंग कमांडर राजेश कुमार नागर को अमेरिका भेजा गया। लेकिन कैप्टन वीवी सिंह उड़ान प्रशिक्षण पास नहीं कर पाए। ...और नागर वही हैं जो अभी हाल ही इलाहाबाद में राज्य सरकार का विमान दुर्घटनाग्रस्त कर चुके हैं। हैरत यह है कि अपने प्रदेश के कैबिनेट सेक्रेटरी शशांक शेखर सिंह अमेरिका से आया विमान और हेलीकॉप्टर दोनों ही उड़ा रहे हैं। शशांक जेट विमान की ट्रेनिंग लेने अमेरिका गए भी नहीं और डीजीसीए से 'इंडोर्समेंट’ भी पा लिया!

जिस दिन दिल्ली में विश्वास मत पर संसद में वोट पड़ने वाला था, उस दिन मुख्यमंत्री मायावती की सुरक्षा के साथ विश्वासघात की वजह तैयार हो रही थी। उन्हें उसी जेट विमान से शशांक दिल्ली लेकर गए। शशांक उस विमान को 'सिंगल क्वालिफायड पाइलट’ के बतौर अकेले ही उड़ा रहे थे। डीजीसीए का उड़ान नियम यह कहता है कि पाइलट को सम्बद्ध विमान उड़ाने का कम से कम 50 घंटे का अनुभव बतौर पाइलट इन कमांड [पीआईसी] होना चाहिए। इसके अलावा 50 घंटे की नाइट फ्लाइंग का अनुभव भी अनिवार्य है।

अभी 13/14 अगस्त को कैबिनेट सेक्रेटरी इसी जेट विमान को अकेले उड़ा कर दिल्ली गए। शशांक अपना रूटीन पाइलट मेडिकल जांच कराने गए थे। शाम को 7.17 पर विमान लेकर पालम से उड़े। लेकिन उड़ते ही एटीसी से वापस इमरजेंसी लैंडिंग की इजाजत मांगने लगे। 7.34 में पालम पर ही वापस लैंड किया। पाया गया कि गलत हैंडलिंग के कारण विमान में 'ट्रिम फेल्योर’ हो गया जिस वजह से विमान का नियंत्रण खो चुका था। एयरपोर्ट अथॉरिटी ने इस खराबी के बारे में डीजीसीए को फौरन ही इत्तिला कर दी। लेकिन विमान में खराबी क्यों आई? प्रदेश की मुख्यमंत्री को इन तथ्यों की जानकारी नहीं दी जाती। लखनऊ में बसपाई रैली के दिन उसी अमेरिकी हेलीकॉप्टर से शशांक शेखर उन्हें रैली स्थल तक ले गए थे, जिस दिन मायावती ने मंच से कहा था, 'मेरी जान को खतरा है...’

प्रभात रंजन दीन

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