Sunday, August 31, 2008

अब तो चेतो सरकार

कुमार नरोत्तम / नई दिल्ली August 26, 2008



पहले बारिश का इंतजार और फिर विनाश लीला, यही बिहार की नियति बनर् गई है। बिहार के सुपौल, अररिया, मधेपुरा और सहरसा जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है और राहत के लिए सेना को बुला लिया गया है।

इस बीच बाढ़ पर राजनीति भी गरमाने लगी है। स्थिति पर चर्चा करने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को प्रधानमंत्री से मिलने नई दिल्ली आ रहे हैं जबकि राजग अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व में राजद और लोजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज यहां प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात कर राज्य सरकार पर नाकामी का आरोप जड़ दिया।

विनाशकारी बाढ़ की वजह से पूर्वी बिहार के सहरसा, सुपौल, अररिया, पूर्णिया आदि जिलों में करोड़ों की फसलें बर्बाद हो गई है और जन-जीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है। इन क्षेत्रों में चल रही व्यापारिक गतिविधियां पूरी तरह से ठप्प हो गई है। बाढ़ प्रभावित जिलों में ट्रेन की आवाजाही भी बाधित हो गई है।

रेल मंत्रालय ने कहा है कि बाढ़ की वजह से यात्री और माल ट्रेनों का आवागमन अवरूद्ध हो गया है, जिससे काफी घाटे का सामना करना पड़ रहा है। रेलमंत्री लालू प्रसाद ने कहा है कि इन जिलों के स्टेशनों पर बाढ़ में फंसे 200 से ज्यादा कर्मचारियों को सहायता प्रदान की जाएगी। मालूम हो कि 18 अगस्त को कोसी तटबंध में भारी कटाव आया और प्रतिदिन 1,30,000 क्यूसेक पानी पूर्वी बिहार के इलाकों में आने लगा।

आश्चर्यजनक रूप से इस बार कोसी ने अपना रास्ता ही बदल लिया है और ढ़ाई सौ सालों में यह पहली बार हो रहा है। बिहार के रेजिडेंट कमिश्नर सी के मिश्रा ने बिानेस स्टैंडर्ड को बताया कि बाढ़ की विभीषिका से बचाव और राहत के लिए राज्य सरकार हरसंभव कोशिश कर रही है।

बाढ़ से होने वाले नुकसान के लेखा-जोखा के लिए एक समिति बनाई जा रही है, जो जल्द ही अपनी रिपोर्ट केंद्र को सौंपेगी। उसके बाद केंद्र अपनी एक जांच टीम बिहार भेजेगा, जिसके आधार पर विशेष राहत पैकेजों की घोषणा की जाएगी।

बिहार के आपदा प्रबंधन विभाग के मुख्य सचिव आर के सिंह ने कहा कि राहत और बचाव कार्य के तहत लोगों के लिए 17000 खाने के पैकेट्स हेलिकॉप्टर के जरिये गिराया जा चुका है। लोगों को सुरक्षित स्थल पर ले जाने के लिए 290 नावों का इंतजाम किया गया है। बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के लिए सेना की सौ जवानों वाली एक टुकड़ी दस मोटरबोट के साथ मंगलवार को मधेपुरा भेजी गई है।

राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि राहत कार्य में जुटे वायु सेना के हेलिकॉप्टरों की संख्या में आज एक की बढ़ोतरी कर दी गई है। अब राहत पैकेट्स तीन के बजाय चार हेलिकॉप्टरों के जरिये भेजी जाएगी।

उन्होंने कहा कि सशस्त्र सीमा बल, सैप के जवान, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया दल और जिला पुलिस के सैकड़ों जवान को इन इलाकों में तैनात कर दिया गया है। बाढ़ से विस्थापित लोगों के लिए 64 पुनर्स्थापना कैंप लगाए गए हैं।

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